Mehandipur Balaji Aarti Time, इतिहास, दर्शन समय, यात्रा गाइड और कैसे पहुंचें

Mehandipur Balaji Aarti Time : मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, यह बस किसी धार्मिक स्थल ही नहीं है, बल्कि यहां की महिमा, आस्था और चमत्कारों का प्रमाण है। आपकी तीर्थयात्रा को और भी महत्वपूर्ण बनाने के लिए, हम आपको मंदिर के दर्शन समय के बारे में विस्तार से बताएंगे।

यहां का माहौल अत्यंत धार्मिक और शांतिपूर्ण है, जो आपको अपने आत्मा के साथ मिलाकर एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। Mehandipur Balaji Aarti Time मंदिर की शिखरारूढ़ भव्यता से लेकर, यहां के पूजारियों की भक्ति भरी कथाएं आपको भी प्रेरित करेंगी।

मंदिर के दर्शन का समय विशेष रूप से विचारनीय है, क्योंकि यहां के विभिन्न आराधना और आराध्या कार्यक्रमों का अनुसरण करने के लिए आपको यहां का संपूर्ण रूप से लाभ उठाने का अवसर होता है।

आपके मंदिर यात्रा को और भी यादगार बनाने के लिए, हम सुनिश्चित करेंगे कि आप अपनी यात्रा का सही समय चुनें और सभी पूजा-अर्चना कार्यक्रमों में भागीदारी करें।

यहां के विचारशील और सूचना-प्रदाता गाइड्स से मिलने वाली जानकारी से आपको मंदिर के इतिहास, संस्कृति और परंपराएं से मिलने वाला एक अद्वितीय ज्ञान होगा।

इस पवित्र स्थान पर अपनी आत्मा को शांति और समृद्धि का अहसास होगा, Mehandipur Balaji Aarti Time जो आपकी तीर्थयात्रा को एक अद्वितीय और सार्थक अनुभव में बदल देगा। तो, आइए, इस अनूठे मंदिर के सफल सफर में हमारे साथ चलें और एक नए धार्मिक अनुभव का आनंद लें।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में & Mehandipur Balaji Aarti Time

Rajasthan के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर न केवल भारत में, बल्कि दुनियाभर में श्रद्धा और आस्था का केंद्र हैं। यहां स्थित श्री मेहंदीपुर बालाजी धाम भारत के राजस्थान राज्य के दौसा जिले में स्थित है,

Locality/village :दौसा जिले
State :राजस्थान
Country:India
Nearest City/Town:Mehandipur, Tehsil, Sikrai
Best Season To VisitAll
Languages :Hindi & English
Temple Timings7:00 AM and 8.00 PM.
PhotographyNot Allowed
DeityHanuman Ji

Mehandipur Balaji Aarti Time
Mehandipur Balaji Aarti Time

जो भगवान श्री राम के भक्त हनुमान जी से संबंधित है। Mehandipur Balaji Aarti Time हनुमान जी ने अपने बाल रूप में कई लीलाएं की हैं, इसलिए कुछ स्थानों पर इन्हें बालाजी के नाम से भी जाना जाता है। मेहंदीपुर धाम में श्री हनुमान जी महाराज बाल रूप में विराजमान हैं।

हम सभी भक्तों से निवेदन करते हैं कि आप सभी एक बार श्री मेहंदीपुर बालाजी जी धाम में आवास करें और Mehandipur Balaji Aarti Time श्री बालाजी महाराज के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।श्री बाला जी महाराज के दर्शन से ही भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं।

Mehandipur Balaji Aarti Time यह बात सिर्फ़ एक मिथ्या है कि मेहंदीपुर बालाजी धाम में केवल संकटवाले ही आते हैं। मेहंदीपुर धाम में भक्तों की सभी प्रकार की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

इतिहास & Mehandipur Balaji Aarti Time

Rajasthan मेहंदीपुर में यहाँ घोर जंगल था। घनी झाड़ियाँ थी, शेर-चीता, बघेरा आदि जंगल में जंगली जानवर पड़े रहते थे। चोर-डाकूऒ का इस गांव में डर था। जो बाबा महंत जी महाराज के जो पूर्वज थे,

उनको स्वप्न दिखाई दिया और स्वप्न की अवस्था में वे उठ कर चल दिए उन्हें ये पता नही था कि वे कहाँ जा रहे हैं।

स्वप्न की अवस्था में उन्होंने अनोखी लीला देखी एक ऒर से हज़ारों दीपक जलते आ रहे हैं। हाथी घोड़ो की आवाजें आ रही हैं। एक बहुत बड़ी फौज चली आ रही है उस फौज ने श्री बालाजी महाराज जी, श्री भैरो बाबा,

श्री प्रेतराज सरकार, को प्रणाम किया और जिस रास्ते से फौज आयी उसी रास्ते से फौज चली गई। और गोसाई महाराज वहाँ पर खड़े होकर सब कुछ देख रहे थे।

उन्हें कुछ डर सा लगा और वो अपने गांव की तरफ चल दिये घर जाकर वो सोने की कोशिश करने लगे परन्तु उन्हे नींद नही आई बार-बार उसी स्वप्न के बारे में विचार करने लगे। जैसे ही उन्हें नींद आई। वो ही तीन मूर्तियाँ दिखाई दी,

विशाल मंदिर दिखाई दिया और उनके कानों में वही आवाज आने लगी और कोई उनसे कह रहा बेटा उठो मेरी सेवा और पूजा का भार ग्रहण करो।

मैं अपनी लीलाओं का विस्तार करूँगा। और कलयुग में अपनी शक्तियाँ दिखाऊॅंगा। यह कौन कह रहा था रात में कोई दिखाई नही दिया।

गोसाई जी महाराज इस बार भी उन्होंने इस बात का ध्यान नही दिया अंत में श्री बालाजी महाराज ने दर्शन दिए और कहा कि बेटा मेरी पूजा करो दूसरे दिन गोसाई जी महाराज उठे मूर्तियों के पास पहुंचे उन्होंने देखा कि चारों ओर से घण्टा,

घडियाल और नगाड़ों की आवाज़ आ रही है किंतु कुछ दिखाई नही दिया इसके बाद गोसाई महाराज नीचे आए,

और अपने पास लोगों को इकट्ठा किया अपने सपने के बारे में बताया जो लोग सज्जन थे उन्होने मिल कर एक छोटी सी तिवारी बना दी लोगों ने भोग की व्यवस्था करा दी बालाजी महाराज ने उन लोगों को बहुत चमत्कार दिखाए।

जो दुष्ट लोग थे उनकी समझ में कुछ नही आया। श्री बाला जी महाराज की प्रतिमा/ विग्रह जहाँ से निकली थी, लोगों ने उन्हे देखकर सोचा कि वह कोई कला है। तो वह मूर्ति फिर से लुप्त हो गई फिर लोगों ने श्री बाला जी महाराज से क्षमा मांगी तो वो मूर्तियाँ दिखाई देने लगी।

श्री बाला जी महाराज की मूर्ति के चरणों में एक कुंड है।

जिसका जल कभी ख़त्म नही होता है। रहस्य यह है कि श्री बालाजी महाराज के ह्रदय के पास के छिद्र से एक बारिक जलधारा लगातार बहती है। उसी जल से भक्तों को छींटे लगते हैं।

जोकि चोला चढ़ जाने पर भी जलधारा बन्द नही होती है। इस तरह तीनों देवताओं की स्थापना हुई , श्री बाला जी महाराज जी की, प्रेतराज सरकार की, भैरो बाबा की और जो समाधि वाले बाबा हैं उनकी स्थापना बाद में हुई।

श्री बालाजी महाराज ने गोसाई जी महाराज को साक्षात दर्शन दिए थे। उस समय किसी राजा का राज्य चल रहा था। समाधि वाले बाबा ने ही राजा को अपने स्वपन की बात बताई। राजा को यकीन नही आया। राजा ने मूर्ति को देखकर कहा ये कोई कला है।

इससे बाबा की मूर्ति अन्दर चली गयी। तो राजा ने खुदाई करवायी तब भी मूर्ति का कोई पता नही चला।

तब राजा ने हार मानकर बाबा से क्षमा मांगी और कहा हे श्री बाला जी महाराज हम अज्ञानी हैं मूर्ख हैं हम आपकी शक्ति को नही पहचान पाये हमें अपना बच्चा समझ कर क्षमा कर दो। तब बालाजी महाराज की मूर्तियाँ बाहर आई।

मूर्तियाँ बाहर आने के बाद राजा ने गोसाई जी महाराज की बातों पर यकीन किया, और गोसाई जी महाराज को पूजा का भार ग्रहण करने की आज्ञा दी। राजा ने श्री बाला जी महाराज जी का एक विशाल मन्दिर बनवाया।

गोसाई जी महाराज ने श्री बाला जी महाराज जी की बहुत वर्ष तक पूजा की, जब गोसाई जी महाराज वृद्धा अवस्था में आये तो उन्होंने श्री बालाजी महाराज की आज्ञा से समाधि ले ली।

उन्होंने श्री बाला जी महाराज से प्रार्थना की, कि श्री बाला जी महाराज मेरी एक इच्छा है कि आपकी सेवा और पूजा का भार मेरा ही वंश करे। तब से आज तक गोसाई जी महाराज का परिवार ही पूजा का भार सम्भाल रहे हैं।

यहाँ पर लगभग 1000 वर्ष पहले बाला जी प्रकट हुए थे। बालाजी में अब से पहले 11 महंत जी सेवा कर चुके हैं। इस तरह से बालाजी की स्थापना हुई। ये तो कलयुग के अवतार हैं संकट मोचन हैं मेहंदीपुर के आस-पास के इलाके में संकट वाले आदमी बहुत कम हैं।

क्योंकि लोगों के मन में बालाजी के प्रति बहुत आस्था है। कहते हैं- जिनके मन में विश्वास है, बालाजी महाराज उन्ही के संकट काटते हैं।

मंदिर की विशिष्टता Mehandipur Balaji Aarti Time

इस मंदिर के महंत (पुजारी) बुरी आत्माओं, पुरुषों या महिलाओं पर मौजूद काले जादू को ठीक करने के लिए भूत भगाने की सेवाएं प्रदान करते हैं।

बुरी आत्माओं से पीड़ित लोग जब इस मंदिर में आते हैं तो दरखास्त, अरजी और सवामनी जैसी पूजा पद्धतियों से उन्हें राहत मिलती है।

इस मंदिर की विशेषता यह है कि यह नियमित मंदिरों के विपरीत है। यहां आप भक्तिपूर्ण मौन वातावरण की बजाय भूत-प्रेत वाले पुरुषों और महिलाओं की तेज़ चीखने की आवाज़ें सुन सकते हैं।

आपकी यात्रा के दौरान अजीब चीखने की आवाजें भी आपको परेशान कर सकती हैं।

मंदिर का यह अद्वितीय पहलु भूत-प्रेत निवारण और शांति प्रदान करने की सेवाएं हैं, जो अनूठी अनुभव और आध्यात्मिक साक्षरता प्रदान कर सकती हैं।

Mehandipur Balaji Aarti Time
Mehandipur Balaji Aarti Time

मंदिर खुलने और बंद होने का समय Mehandipur Balaji Aarti Time

बालाजी मंदिर सुबह 7:30 बजे खुलता है और रात 8:30 बजे बंद हो जाता है।

बालाजी मंदिर सुबह7:30 बजे खुलता है
बालाजी मंदिर रातरात 8:30 बजे बंद हो जाता है

आरती का समय Mehandipur Balaji Aarti Time

आरती का समय : ग्रीष्म कालीन

श्री राम दरवार ग्रीष्म कालीन आरती का समय :

ग्रीष्म कालीन: सुबहसुबह 6:00 से 6:15
ग्रीष्म कालीन: शामशाम 7:00 से 7:15

श्री बाला जी दरवार ग्रीष्म कालीन आरती का समय :

ग्रीष्म कालीन: सुबहसुबह 6:15 से 6:45
ग्रीष्म कालीन: शामशाम 7:15 से 7:45

आरती का समय : शीत कालीन :

श्री राम दरवार शीत कालीन आरती का समय :

शीत कालीन: सुबहसुबह 6:10 से 6:25
शीत कालीन: शामशाम 6:20 से 6:35

श्री बाला जी दरवार शीत कालीन आरती का समय :

शीत कालीन: सुबहसुबह 6:25 से 6:55
शीत कालीन: शामशाम 6:35 से 7:05

Mehandipur Balaji Aarti Time श्री बालाजी महाराज के छप्पन भोग के प्रसाद का वितरण श्री बालाजी महाराज के गर्भ गृह में सुबह ११ बजे के बाद होता है एवं श्री सीताराम जी के छप्पन भोग का प्रसाद श्री राम दरवार में 8.30 बजे से मिलता है।

मंदिर के पास कहां ठहरें

विभिन्न सुविधाओं के साथ किफायती कीमतों पर मेहंदीपुर में अपना प्रवास बुक करें । Yatradham.org द्वारा बालाजी मंदिर के पास कई विकल्प उपलब्ध हैं। यहां, निम्नलिखित के लिए सूची दी गई है।

  • होटल विनायक पैलेस
  • अंजनी महल धर्मशाला
  • केशवजी धर्मशाला
  • श्री कृष्ण आश्रम

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर तक पहुंचने के विभिन्न तरीके हैं:

हवाईजहाज से: मंदिर के निकटतम हवाई अड्डा जयपुर है, जो मंदिर से 100 किमी की दूरी पर है। जयपुर से, राज्य बस या निजी टैक्सी का इस्तेमाल करके आप मंदिर पहुंच सकते हैं। ध्यान दें कि जयपुर से मंदिर के बीच दैनिक बस सेवा उपलब्ध है।

ट्रेन से: मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन बांदीकुई है, जो मंदिर से 40 किमी की दूरी पर है। बांदीकुई स्टेशन से आगरा, जयपुर, दिल्ली और कई अन्य जंक्शनों के साथ अच्छी कनेक्टिविटी है। यहां से मंदिर तक पहुंचने के लिए दैनिक बस सेवा भी उपलब्ध है।

सड़क द्वारा: सड़कों का अच्छा संबंध होने के कारण, मंदिर तक सड़क मार्ग से यात्रा करना बहुत आसान है। चूंकि मंदिर का जयपुर से भी अच्छा संबंध है, इसलिए सड़क मार्ग से मंदिर तक यात्रा करना बहुत आसान और तेज़ है।

Distance From मेहंदीपुर बालाजी मंदिर

सिटीकिमी
जयपुर100
दिल्ली260
मथुरा120
आगर180
अलीगढ250
दौसा50
बांदीकुई40
अलवर100
रेवाड़ी180

श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का पता

बालाजी मंदिर का स्थान

मेहंदीपुर, तहसील, सिकराय, राजस्थान 321610

यह भी पढ़िए :

आशा करते हैं कि इस आर्टिकल से आपको Mehandipur Balaji Aarti Time की जानकारी मिल गयी होगी, इसे अपने दोस्तों के साथ भी साँझा करें ताकि उन्हें भी Mehandipur Balaji Aarti Time की जानकारी मिल सके। ऐसे ही आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट के साथ जुड़े रहे।

Mehandipur Balaji Aarti Time & FAQ

1. What is the time of Mehandipur Balaji pooja?

6:15 am to 6:45 am in Summers;6: 25 am to 6:55 am in Winters

2. What is the timing of Sawamani in Mehndipur Balaji?

Summer hours are 9.00 p.m., and winter hours are up to 8.00 p.m.

3. What is the time of Balaji Darshan?

The Darshan starts from 7:30 AM – 7 PM.

4. Which day to visit Mehandipur Balaji?

Tuesday and Saturday are special days and attract lot of visitors.

5. Which God is Mehandipur Balaji?

The Temple is dedicated to Lord Hanuman, who is also known as Balaji

जय सियाराम जी || जय हो मेरे बाला जी ||

2 thoughts on “Mehandipur Balaji Aarti Time, इतिहास, दर्शन समय, यात्रा गाइड और कैसे पहुंचें”

  1. भक्त शिरोमणि संकट मोचन श्री बालाजी दरबार ट्रस्ट 9529517521 सच्ची जानकारी सही जानकारी भेजें सवामणी कब लगाई जाती है पट कितना बजे खुलता है कितना बजे बंद होता है वह कौन-कौन से टाइम लगता है कितनी बार भोग लगता है स्नान कितना बजे होती है मंदिर के क्या-क्या प्रक्रिया होती है बताने का कष्ट करें

    Reply

Leave a Comment